Menu
blogid : 1233 postid : 79

अभी कसर बाक़ी है …

मेरी बात
मेरी बात
  • 25 Posts
  • 60 Comments

अभी कसर बाक़ी है

आये दिन नये-नये घोटाले, ढेर सारा भ्रष्टाचार…… खूब मँहगाई….. और लोग अभी से बस करने लगे | कहते हैं कि अब कोई कसर बाक़ी नही रही | लेकिन है….. कसर अभी बाक़ी है | अभी तो आदरणीय प्रधानमंत्री जी देश को धनवान बनाएंगे | अरे नहीं ! गरीबी को मिटा कर नही, गरीबों को मिटाकर | दिन रात एक किये हुए हैं बेचारे | बड़े मेहनती जो ठहरे | कुछ लोग भले ही संदेह करे लेकिन ये सच है | एक दिन वो ज़रूर आएगा जब आदरणीय प्रधानमन्त्री जी इस देश के  गरीबों तक लिए साँस लेने जितनी हवा भी नही जाने देंगें | अभी तो वे आम आदमी की थाली पर कुदृष्टि जमाये  हुये है | पीने के पानी को हक भी उनकी दृष्टि में आम आदमी का नही है | अब वे मँहगाई की बाढ को अपनी लगन और ईमानदारी से इतना ऊँचा उठाएंगे कि गरीब अवश्य डूबेगा और मरेगा | और डूब कर नही मरा तो इतना बेबस हो जाएगा कि आत्महत्या करेगा | अब केवल किसान ही अकेला आत्महत्या क्यूँ करे ? माननीय प्रधानमन्त्री जी ने उसे भी बहुत से दुःख के साथी उपलब्ध करा दिए |

तो अब देखिये न जब इतने सारे मजबूर और गरीब लोग ही नही रहेंगें देश में तो भारतवर्ष तो धनी देश बन जायेगा | गरीबी मुक्त भारतवर्ष | क्योंकि गरीबी तो गरीब के साथ ही खत्म हो जायेगी | यही तो गाँधी परिवार का सपना है |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh